बुधवार, 14 सितंबर 2011
विमानन मंत्री ने किया डील का समर्थन
एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस की 111 विमानों की खरीदारी पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने चुप्पी तोड़ी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस खरीदारी को जायज ठहराया है। जबकि कैग की रिपोर्ट में इस खरीदारी को आनन-फानन में बिना मोलभाव में की गई खरीदारी बताया गया था।
एयर इंडिया को कर्ज की दलदल में फंसाने के लिए कैग ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दोषी पाया है। आज एयर इंडिया के पास 27 ड्रीमलाइनर खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है। हालांकि एयर इंडिया 500 करोड़ डॉलर की लागत से 27 ड्रीमलाइनर खरीदने के लिए ऑर्डर पहले दे चुकी है। व्यालार रवि का कहना है कि विमानन मंत्रालय पर सीएजी की आखिरी रिपोर्ट जल्द ही सामने आ जाएगी। नए विमान खरीदने के एयर इंडिया के फैसले पर व्यालार रवि सहमत नज़र आए।
कैग के मुताबिक एयर इंडिया के लिए 68 बोइंग और इंडियन एयरलाइंस के लिए 43 विमान खरीदना शीर्ष प्रबंधन का गलत समय पर लिया गया गलत फैसला था। हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्री ने इसका बचाव करते हुए कहा कि कई मंत्री समूहों की बैठक के बाद फैसला लिया गया था।
इसके साथ ही व्यालार रवि ने ये भी साफ किया कि फिलहाल एयर इंडिया नए कर्ज लेने नहीं वाली है। क्योंकि एयर इंडिया पहले से ही करीब 38000 करोड़ रुपए के कर्ज में गले तक डूबी है। अगले महीने होने वाली मंत्रियों के समूह की बैठक में एयर इंडिया के लिए अतिरिक्त पूंजी का इंतजाम करने पर विचार किया जाएगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें