शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

रेपो और रिवर्स रेपो रेट 0.25% बढ़ा

आम लोगों का हाल बेहाल हो चुका है। पहले महंगाई ने मारा, फिर पेट्रोल की कीमतों ने और अब महंगे कर्ज की आ गई बारी। रिजर्व बैंक ने कर्ज महंगा कर दिया है। यानी की आने वाले दिनों अगर आप घर या कार खरीदने की सोच रहे थे। तो हो सकता है अब आपकी सोच ना पूरी हो पाए। क्योंकि हर तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे। देश में आम लोगों का हाल दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है। पहले से ही लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं। इसके बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में इजाफा कर दिया। और अब रिजर्व बैंक ने कर्ज महंगे कर दिए। यानी की जीने के लिए अगर आप कर्ज का सहारा लेने की सोच रहे हैं। तो भूल जाइए। क्योंकि आने वाले दिनों में कर्ज और महंगे हो जाएंगे। आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। रेपो रेट 8 फीसदी से बढ़कर सवा 8 फीसदी पर पहुंच चुका है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 7 फीसदी से बढ़कर सवा 7 फीसदी पर पहुंच गया है। रेपो रेट के बढ़ने से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन सहित हर तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे। हालांकि रिजर्व बैंक ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ये कमद उठाए हैं। लेकिन महंगाई है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। फिलहाला खाद्य महंगाई दर और होलसेल महंगाई दर 10 फीसदी के करीब है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पिछले 18 महीनों में रिजर्व बैंक ने 12 बार अहम दरों में इजाफा किया है। जिसका असर महंगाई पर कम देश की ग्रोथ पर ज्यादा दिख रहा है। औद्योगिक विकास दर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच चुका है। जीडीपी विकास दर पिछले साल की पहली तिमाही के 8.8 फीसदी से स्तर से घटकर इस साल की पहली तिमाही में 7.7 फीसदी पर पहुंच चुकी है। अगर इसी तरह महंगाई बढ़ती रही और विकास दर घटती रही तो देश के सामने आने वाले दिनों में गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

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