सोमवार, 28 दिसंबर 2009
2009 में बाजार हुआ गुलजार
टीटीडब्ल्यू: टेलीकॉम टैरिफ वॉर 2009
2009 में मोबाइल ग्राहकों की रही चांदी। टेलीकॉम कंपनियां भी हर महीने करीब 1 करोड़ नए मोबाइल ग्राहक जोड़ती रही। लेकिन कंपनियों की कमाई में इजाफा नहीं हो पाया। क्योंकि ग्राहक भले ही बढ़ते गए लेकिन सस्ते प्लान के वजह से कंपनियों को इसका फायदा नहीं मिल सका। जिससे टेलीकॉम कंपनियों का बिगड़ता रहा बैलेंस शीट।
यानी कि टेलीकॉम इंडस्ट्री और मोबाइल ग्राहक दोनों के लिए वर्ष 2009 यादगार रहेगा। क्योंकि टैरिफ वॉर के चलते कंपनियों को जहां भारी नुकसान उठाना पड़ा वहीं ग्राहकों को एक से बढ़कर एक सस्ती सकीम्स मिली जिससे उनका मोबाइल बिल काफी कम हो गया।टेलीकॉम कम्पनियों के बीच करीब एक दशक से कॉल दरों में मिनट्स को लेकर जारी घमासान अब सेकेण्ड्स में पहुंच गया। मोबाइल ग्राहकों को दस साल पहले प्रति मिनट करीब 10 रुपए खर्च करने पड़ते थे। जो अब 20 पैसे प्रति मिनट पर सिमट चुकी है।
जानकारों का मानना है कि भाले ही कंपनियों की बैलेंस शीट खराब हो रही हो लेकिन इससे मोबाइल ग्राहकों को आने वाले दिनों में भी फायदा मिलता रहेगा। क्योंकि जैसे जैसे टेलीकॉम सेक्टर में कंपनियों की संख्या बढ़ेगी कॉल रेट में करीब 15 फीसदी की और गिरावट आ सकती है।
साल 2009 के शुरूआत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या करीब 38 करोड़ 50 लाख थी साल के अंत तक बढ़कर करीब 50 करोड़ तक पहुंच गई है। भले ही हर महीने करीब 1 करोड़ नये मोबाइल ग्राहक जुड़ रहे हों लेकिन मोबाइल कंपनियों की कमाई लगातार कम होती जा रही है। और इसका असर टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है। इस साल इनके शेयर करीब 27 फीसदी लुढ़क गए। जानकारों की माने तो टेलीकॉम इंडस्ट्री की इस साल सितंबर महीने की तिमाही में कुल कमाई रही 38755 करोड़ रुपए रही, जो कि पिछले साल की तुलना में काफी कम है। जबकि इस दौरान करीब 12 करोड़ 50 लाख नए मोबाइल ग्राहक जुड़ चुके हैं। दिसंबर 2008 की तिमाही में टेलीकॉम कंपनियों की कुल कमाई थी 39408 करोड़ रुपए।
जून 2009 में टाटा टेलीसर्विसेज ने जापानी कंपनी डोकोमो के साथ मिलकर प्रति सेकेंड के हिसाब से बिलिंग स्कीम की शुरुआता की। जो कि किसी क्रांति से कम नहीं था। इसके बाद तो एक के बाद एक सभी टेलीकॉम कंपनियों ने इस तरह के सस्ते स्कीम्स की बरसात कर दी। अपने ग्राहकों को बचाए रखने के लिए इस टैरिफ वॉर में एयरटेल और वोडाफोन जैसे दिग्गज कंपनियों को भी कूदने पड़ा।
एडीएजी समूह की रिलायंस कम्युनिकेशन ने 50 पैसे प्रति मिनट से शुरु कर 1 पैसे प्रति सेकेंड और एक रूपए में तीन मिनट के बाद 20 पैसे प्रति मिनट की योजना शुरू कर तेजी से ना केवल अपने ग्राहकों को बचाए रखा बल्कि दूसरे टेलीकॉम कंपनियों के ग्राहकों को भी कुछ हद तक अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा। हालांकि इतनी सस्ती स्कीम्स की वजह से कंपनी की कमाई लगातार कम होती रही।
जमे जमाए टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी इस तरह के सस्ते स्कीम्स लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि नई इंट्री लेने वाली कंपनियों ने कई लुभावने और सस्ते स्कीम्स की झड़ी लगा दी। टेलीकॉम क्षेत्र में कदम रखते ही एक नई कंपनी एमटीएस ने तो आधा पैसा प्रति सेकेंड की नई स्कीम जारी कर पहले से जमे जमाए कंपनियों के हजारों ग्राहकों को अपने साथ ले लिया।
कुल मिलाकर अगर कहें तो 2009 मोबाइल ग्राहकों के लिए काफी बेहतर साबित हुआ।
शनिवार, 28 नवंबर 2009
'दुबई वर्ल्ड' से दुनिया परेशान!
शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009
मिल गए रिलायंस के कुल गैस के खरीदार
रॉबिन रैना: ग्रोथ का रॉबिन हुड
लेबल:
इंश्योरेंस,
एबिक्स,
फॉर्च्यून,
रॉबिन रैना,
सॉफ्टवेयर
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2009
क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान
शनिवार, 24 अक्टूबर 2009
9 बजे से 5 बजे तक खरीदो शेयर!
सरकार को 60 हजार करोड़ का चूना!
सरकारी पैसा चूसने वाला वाला राजा का मनी आर्ट स्टांस
टेलिकॉम मिनिस्ट ए राजा ने जनवरी 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम और टेलीकॉम सर्विस शुरू करने का लाइसेंस कौड़ियों के भाव कंपनी को बांट दिए। इससे सरकार को करीब 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राजा ने ऐसा क्यों किया और इससे राजा को क्या मिला साथ ही क्यों इतनी कम कीमत पर लाइसेंस बांटी गई इसकी जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई रात दिन एक कर छापे मार रही है। कल देशभर में करीब 19 जगहों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं। वहीं परसो संचार भवन पर भी सीबीआई ने छापे मार कर कुछ अहम दस्तावेज हासिल किए हैं।
वर्ष 2001 में फिक्स की गई कीमत पर राजा ने जनवरी 2008 में लाइसेंस और स्पेक्ट्रम को लुटा दिया। जबकि 7 सालों में टेलीकॉम क्षेत्र में आई क्रांती की वजह से और दुनियाभर की कंपनियों की भारत पर नजर होने से कीमतें कई गुणा ज्यादा होनी चाहिए थी। लेकिन राजा ने पुरानी कीमत पर ही लाइसेंस पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बेच दिया।
कीमतों में अनदेखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि है जिन कंपनियों ने लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदे उसके कुछ दिनों बाद ही कई गुणा ज्यादा कीमत पर उसे बेच दिया। यानी बाजार में कई गुणा ज्यादा कीमत पर लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदने वाले मौजूद थे लेकिन टेलीकॉम मंत्री ए राजा ने उनकी सुध नहीं ली।
स्वान ने 1537 करोड़ रुपए में देश के 13 सर्किल में टेलीकॉम सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस खरीदा। और एक महीने के अंदर इसका 45 फीसदी हिस्सा सउदी अरब की कंपनी अतिसलत को 4500 करोड़ रुपए में बेच दिया। ठीक इसीतरह रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को 22 सर्किल में टेलीकॉम सर्विस शुरू करने के लिए केवल 1651 करोड़ रुपए में लाइसेंस बेच दिया गया। यूनिटेक ने इसका केवल 60 फीसदी हिस्सा नार्वे की कंपनी टेलीनॉर को 6120 करोड़ में बेच लिया।
इन दो उदाहरणों को देखकर तो यही लगता है कि ए राजा ने कौड़ियों के भाव लाइसेंस बांटे हैं जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ए राजा डीएमके पार्टी से हैं जो कि केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी है। और सीबीआई भी केंद्र सरकार ही संभालती है। ऐसे में कुछ खास रिजल्ट की संभावना नहीं दिख रही है। यूपीए से डीएमके को बाहर करने के बाद ही इस महा घोटाने की जड़ तक पहुंचना केंद्र सरकार के लिए संभव हो पाएगा।
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
लो आ गया विंडोज 7
माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 7 लांच कर दिया है। विंडो 7 कई आधुनिक तकनीक से लैस है।माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स को अपने इस विंडो से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि विंडो 7 एक बार फिर से कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला देगा। तीन साल पहले आए विंडोज विस्टा के सुपर फ्लॉप शो के बाद विंडोज-7 के बारे में जो शुरुआती सिग्नल मिले हैं, वे बेहद उत्साहजनक हैं। जो करिश्मा आपने आई-फोन पर देखा है वो अब आपके लैपटॉप या पीसी की स्क्रीन पर दिखेगा। आइए हम आपको बताते हैं विंडोज 7 से सात सबसे अहम फीचर्स क्या हैं।
- इसे बंद करने और स्टार्ट करने में लगेगा कम वक्त
- इसमें है टच स्क्रीन की सुविधा यानी अपकी उंगली काम करेगी माउस का
- विंडो सेवन में फाइल्स को पासवर्ड से प्रोटेक्ट कर होम ग्रुप के साथ शेयर करने की सुविधा है
- किसी भी ड्राइव में सेव की गई फाइलों को आप एक क्लिक से एक्सेस कर पाएंगे
- विंडो सेवन में है ज्यादा जरूरी आइकन जोड़ने की सुविधा है। साथ ही माउस टच से विंडो प्रिव्यू करने की सुविधा है
- विंडो 7 में पसंदीदा प्रोग्राम की लिस्ट सीधे एक्सेस की जा सकती है। साथ ही एक्सप्लोरर-8 पर वेबसाइट्स की लिस्ट देख सकते हैं
- यही नहीं विंडो सेवन में मोबाइल, कैमरा, प्रिंटर के साथ पीसी का आसान कनेक्शन की भी सुविधा है
विंडो सेवन आपके कमप्यूटर एक्सपीरियंस को और अनोखा बना देगा। टचस्क्रीन वाले कंप्यूटरों पर नया यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा और माउस और की-बोर्ड के अलावा स्क्रीन को छूकर भी आप काम कर सकेंगे। साथ ही पीसी को पहले से ज्यादा तेज, सेफ और स्मार्ट बनाने के लिए भी इसमें बहुत से फीचर्स हैं। विंडोज-7 आने वाले दिनों में कम्प्युटर्स की दुनिया में एक अलग खिड़की खोलेगा। जो कम्प्यूटर ऑपरेंटिंग सिस्टम को एक नई बुलंदी तक पहुंचाएगा। कंपनी को उम्मीद है कि विंडो विस्टा की असफलता से माइक्रोसॉफ्ट को जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई विंडोज 7 से हो पाएगी।
सोमवार, 21 सितंबर 2009
भारत में 6 करोड़ की कार
अल्टीमेट एरो:दुनिया की सबसे तेज कार
दुनिया की सबसे तेज कार भारत में धूम मचाने को तैयार है। भारत में जैसे जैसे लोगों के पास पैसे बढ़ रहे हैं। रफ्तार के दीवानों की संख्या भी उसी रफ्तार में बढ़ रही हैं। और इसे भुनाने के लिए दुनियाभर की कार बनाने वाली कंपनियों ने भारत की ओर अपना स्टेयरिंग मोड़ दिया है। अब कार के लिए करोड़ों रुपए खर्च में लोग नहीं हिचक रहे हैं। इसे देखते हुए कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एसएससी यानी शेल्बी सुपरकार ने दुनिया में सबसे तेज चलने वाली अपनी कार अल्टीमेट एरो को भारतीय बाजार में उतारने का मन बनाया है।
इसे सबसे पहले मुंबई में लांच किया जाएगा। उसके बाद इसे दिल्ली में लांच किया जाएगा। भारतीय बाजार में इस कार की कीमत होगी 6 करोड़ रुपए। इस कार की रफ्तार होगी प्रति घंटे 413 किलोमीटर। जी हां, यही वजह है कि इस कार को दुनिया में सबसे तेज रफ्तार वाली कार का तमगा हासिल है। दुनिया में कोई भी कार इसका पीछा नहीं कर सकती। ये है सुपर कार। जिसकी सवारी करने का सपना दुनियाभर में लोग देखते हैं।
भारत में सुपरकार के दीवानों के लिए ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि शेल्बी सुपरकार अपनी अल्टीमेट एरो को भारत में लांच करने वाली है। क्योंकि अबतक अमेरिका के अलावे इसे केवल रुस में ही लांच किया गया है। यानी भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश होगा जहां दुनिया की सबसे तेज चलने वाली कार बिकेगी।
दुनिया की सबसे तेज चलने वाली 6 करोड़ की इस टू सीटर कार में लगा है 6.35 लीटर की ट्वीन टर्बो वी8 इंजन। पावर है 1183 बीएचपी का। यही वजह है कि हवाई जहाज की आधी स्पीड से आप इस कार में धूम मचा सकते हैं। ये कार बना है लाइटवेट टाइटेनियम और कार्बन फाइबर से। महज सवा दो घंटे में ये कार आपको दिल्ली से पटना पहुंचा देगी। जीरो से 60 की स्पीड पकड़ने में इस कार को लगती है महज 2.7 सेकेंड का समय। कंपनी का मानना है कि वो कुछ दर्जन कार हर साल भारतीय बाजार में बेच लेगी।
लेबल:
6 करोड़,
अल्टीमेट एरो,
कार,
रफ्तार,
शेल्बी सुपरकार
मंगलवार, 15 सितंबर 2009
2.5 करोड़ मोबाइल बन जाएगा खिलौना!
सोमवार, 7 सितंबर 2009
ऑयल इंडिया का आईपीओ हिट
ऑयल इंडिया का आईपीओ धूम मचा रहा है। ऑयल इंडिय के आईपीओ का आज पहला दिन है। ऑयल एक्सप्लोरेशन क्षेत्र में देश की इस दूसरी सबसे बड़ी कंपनी का आईपीओ खुलने के एक घंटे के अंदर ही पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया। ऑयल इंडिया के प्रति शेयर का फेस वैल्यू 10 रुपए है। कंपनी के शेयरों का प्राइस बैंड 950 रुपए से 1050 रुपए के बीच रखा गया है। ये आईपीओ 10 सितंबर के तक खुला रहेगा। कंपनी लोअर प्राइस बैंड पर 2513 करोड़ और अपर प्राइस बैंड पर 2777 करोड़ रुपये जुटा पाएगी। कंपनी के पास ऑयल और गैसे के 40 ब्लॉक भारत में हैं। जबकि दुनिया के 7 देशों में इसके 17 ब्लॉक हैं। ऑयल इंडिया भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी है। ये कंपनी देश और विदेशों में तेल और गैस का ना केवल खोज करती है। बल्कि उसका प्रोडक्शन और ट्रांसपोटेशन का भी काम करती है। साथ ही ऑयल इंडिया प्राकृतिक गैस से एलपीजी की प्रोसेसिंग का भी काम करती है। जानकारों का मानना है कि लंबे समय के लिए इस आईपीओ में पैसा लगाना फायदे का सौदा हो सकता है।
गुरुवार, 3 सितंबर 2009
लो कर लो बात
फोन पर बात करते समय अब ना तो आपका पल्स तेज होगा और ना ही बिलिंग मशीन का। क्योंकि मोबाइल पर बात करना अब और हो चुका है काफी सस्ता। मोबाइल पर बात करने के दौरान अब आपको घड़ी देखने की जरूरत नहीं होगी। क्योकिं सेकेंड या मिनट के अनुसार अब नहीं आएगा आपका मोबाइल बिल। बल्कि कितने बार आप फोन करते हैं उसके अनुसार आपका मोबाइल बिल आएगा। टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने प्री-पेड सीडीएमए ग्राहकों के लिए इस सेवा की शुरूआत की है।
इसके तहत टाटा इंडिकॉम के ग्राहक मात्र 1 रुपए कितनी भी लंबी लोकल कॉल कर सकते हैं। वहीं प्रति एसटीडी कॉल के लिए देने होंगे मात्र 3 रुपए। यानी 3 रुपए में देशभर में टाटा इंडीकॉम के ग्राहक कहीं भी कितने भी घंटे तक बात कर सकते हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि मोबाइल पर बात करने के लिए अब पल्स गिनने की नहीं होगी जरुरत। और देश में पहली बार टाटा टेलीसर्विसेज ने इसकी शुरूआत की है।
अब से पहले टेलीकॉम ऑपरेटर्स केवल पल्स रेट में छूट और टॉक टाईम में छूट देते थे। लेकिन टाटा टेलीसर्विसेज ने इस नई स्कीम्स की शुरूआत कर टेलीकॉम क्षेत्र में एक नई क्रांती की शुरूआत कर दी है। जिसका जबरदस्त फायदा ग्राहकों को पहुंचेगा। साथ ही ऐसी उम्मीद की जा रही है कि टाटा इंडिकॉम के बाद कई दूसरे ऑपरेटर्स भी इस तरह के स्कीम्स शुरू कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने प्री पेड सीडीएमए ग्राहकों के टॉकटाईम को खत्म कर टेलिफोन से चिपकने का एक अच्छा अवसर दे दिया है।
शनिवार, 29 अगस्त 2009
नोकिया एन900 यानी एक कम्प्युटर फोन
मोबाइल फोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी नोकिया एन सीरीज का लेटेस्ट फोन एन 900 को अक्टूबर में लांच करेगी। सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस ये फोन एन 97 का एडवांस वर्जन है। ये एक टचस्क्रीन फोन है। इस फोन की खासियत है इसका ऑपरेटिंग सिस्टम।
इस फोन में एन 97 जैसा ही क्वर्टी कीबोर्ड है। और ये भी एक स्लाइड फोन है। लेकिन इसमें लाइनक्स मेइमो 5 ऑपरेटिंग सिस्टम का यूज किया गया है। पहली बार नोकिया ने अपने किसी फोन में लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया है। यानी ये मोबाइल फोन पूरी तरह से कम्प्यूटर की तरह काम करेगा।
इस फोन में कार्ल जेईस लेंस वाला 5 मेगापिक्सेल कैमरा लगा है। साथ ही इसमें कई एडवांस फीचर्स भी दिए गए हैं। फास्ट डाउनलोड के लिए इसमें है एचएसडीपीए सपोर्ट। साथ ही इसमें है फुल एडोबी फ्लैस 9.4 सपोर्ट, 48 जीबी का एस्पेंडेबल मैमरी है। ग्राफिक्स के लिए इसमें लगाया गया है ओपन जीएल ईएस 2.0 ग्राफिक्स एक्सेलरेशन सॉफ्टवेयर। इस फोन की कीमत होगी करीब 36000 रुपए।
दुनियाभर में सैमसंग और रिम से नोकिया को जबरदस्त टक्कर मिल रही है। यही वजह है कि वर्ल्ड मोबाइल बाजार में अपनी पोजिशन को और मजबूत करने के लिए नोकिया एन 900 लांच करने वाली है। इस मोबाइल के जरिए नोकिया इंटरनेट और मोबाइल के ग्राहकों को एक साथ लुभाने की कोशिश करेगी।
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
हार्ले डेविडसन भारत में
भारत में एडवेंचर की होने वाली है शुरूआत। क्योंकि यहां लांच को तैयार है दुनियाभर में मशहूर कल्ट बाइक हार्ले डेविडसन। हार्ले डेविडसन एक अमेरिकी बाइक है। जिसके दीवाने दुनियाभर में हैं। हॉलीवुड के कलाकारों की पहली पसंद है ये बाइक।
भारत में भी हार्ले डेविडसन का जादू चल चुका है। बॉलीवुड के कई कलाकार और भारतयी क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी है हार्ले डेविडसन के कायल हैं। हार्ले डिवडसन को 2 साल पहले भारत में अपना ऑपरेशन शुरू करने की इजाजत मिली थी। लेकिन अब जाकर कंपनी ने अपनी सरगर्मी भारतीय बाजार में तेज की है। वजह है भारत में तेजी से बढ़ता लग्जरी बाइक का बाजार। बाइक के दीवानों को अब कीमतों की परवाह उतनी नहीं है। जिसे ध्यान में रखकर हार्ले डेविडसन ने अपनी बाइक की कई रेंज अगले साल से भारत में बेचने का ऐलान किया है।
इस बाइक की कीमत लाखों में है। हार्ले डेविडसन ने भारत में अपने पार्टनर और लोकल डीलर्स के खोज तेज कर दी है। यानी, दुनियाभर में पॉपुलर ये क्रूजर बाइक अब भारतीय सकड़ो पर धूम मचाने के लिए हो चुकी है पूरी तरह से तैयार।
बीएमडब्ल्यू की दो नई कार होगी लांच
बीएमडब्ल्यू रोडस्टर जेड 4
जर्मनी की कार बनाने वाली दिग्गज कंपनी बीएमडब्ल्यू इस साल एक साथ दो कार भारतीय बाजार में उतारने ऐलान किया है। अक्टूबर में कंपनी अपनी स्पोर्ट्स कार रोडस्टर जेड 4 उतारेगी। ये एक टू सीटर कार है। जिसकी कीमत होगी 50 से 60 लाख रुपए। इसमे लगा है 6 सिलेंडर वाला 3.5 लीटर का पेट्रोल इंजन। साथ ही इसमें है 7 स्पीड स्पोर्ट ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन। ये कार 242 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से धूम मचा सकती है। इस कार जीरो से 100 की रफ्तार पड़कने में लगता है मजह 6.6 सेकेंड का समय।
बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सेडान
रोडस्टर जेड 4 से एक महीने पहले यानी की अगले महीने बीएमडब्ल्यू लांच करेगी 7 सीरीज की अपनी लग्जरी सेडान कार। इस कार में लगा है आठ सिलेंडर वाला पावरफुल इंजन। इस कार की खासियत ये है कि अच्छी परफॉर्मेंस के वावजूद फ्यूअल एफिसिएंट है। साथ ही इसमें इमिशन कम होता है। इसका वी8 इंजन ट्विंन टर्वो टेक्नोलॉजी से लैस है। इस कार 250 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से धूम मचाने में सक्षम है। और महज 5.9 सेकेंड में पकड़ लेती है 100 की रफ्तार। फिलहाल कंपनी ने इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया है। लेकिन बीएमडब्ल्यू के इस ऐलान से भारतीय लग्जरी कार बाजार में गर्म हो गया है।
लेबल:
7 सीरीज,
बीएमडब्ल्यू,
रोडस्टर जेड4,
सेडान
गुरुवार, 27 अगस्त 2009
आईपीओ इंडेक्स की शुरुआत
अब बाजार में लिस्ट होने वाली नई कंपनियों पर आप आसानी से नजर रख सकेंगे। और सही मायने में जान पाएंगे कि दो साल पहले तक अपना आईपीओ लाने वाली कंपनी कितनी तरक्की कर रही है। या लुढ़ककर लिस्टिंग प्राइस से भी नीचे पहुंच चुकी है। क्योंकि बीएसई ने शुरू कर दिया है आईपीओ इंडेक्स। जिसमें वैसी कंपनियां शामिल होंगी जिसका लिस्टिंग के दिन मार्केट कैप होगी कम से कम 1 अरब रुपए। फिलहाल आईपीओ इंडेक्स में करीब 50 कंपनियों को शुमार किया गया है।
जिसमें पहले नंबर पर है रिलायंस पावर। रिलायंस पावर का इस इंडेक्स में 18.40 फीसदी हिस्सेदारी है। आईपीओ इंडेक्स में दूसरे नंबर पर है पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन। जिसकी हिस्सेदारी 16.68 फीसदी है। तीसरे नंबर पर है मुंद्रा पोर्ट। मुंद्रा पोर्ट की इस इंडेक्स में 10.39 फीसदी हिस्सेदारी है। हाल ही लिस्ट हुई अदाणी पावर चौथे नंबर पर है। अदाणी पावर की आईपीओ इंडेक्स में 8.28 फीसदी की हिस्सेदारी है। 8.23 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पांचवें नंबर पर है आरईसी यानी ग्रामीण विद्युतीकरण निगम।
आईपीओ बाजार में 18 महीनों बाद कुछ रौनक लौटी है। और ऐसी उम्मदी की जा रही है कि आने वाले दिनों में कई सरकारी और निजी कंपनियां बाजार में लिस्ट होंगी। ऐसे में आईपीओ इंडेक्स निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सोमवार, 24 अगस्त 2009
टोयोटा की नई स्पोर्ट्स कार 'फॉर्च्यूनर'
टोयोटा फॉर्च्यूनर के लांच के बाद भारतीय एसयूवी बाजार में मच गई है हलचल। क्योंकि टोयोटा ने कम कीमत पर अच्छे फीचर्स के साथ इस कार को लांच किया है। इस कार की दिल्ली में एक्सशोरूम कीमत है 18.45 लाख रुपए। इस कार में लगा है 3 लीटर का डीजल इंजन। जिसमें लगे टर्बोचार्जर देती है ज्यादा पावर। फॉर्च्यूनर में कई आधुनिक फीचर्स दिए गए हैं। फॉर्च्यूनर के स्पेशल फीचर्स में शामिल है ओवर हेड रियर सीट, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, एयरकंडिशनिंग वेंट्स, क्रूज कंट्रोल और नेविगेटर। टोयोटा फॉर्च्यनर को तीन वैरिएंट्स और पांच कलर सुपर व्हाइट, सिल्वर माइका मैटेलिक, ग्रे माइका मैटेलिक, ब्लैक माइका और लाइट ब्लू मैटेलि में लांच किया गया है। कंपनी ने इस साल के अंत तक 2000 कार बेचने का लक्ष्य रखा है।
टोयोटा फॉर्च्यूनर का डैशबोर्ड कई एडवांस फीचर्स से लैस है। इसमें एक इंफोर्मेशन डिस्प्ले कंसोल लगाया गया है। जिसमें आप टाईम अपडेट, ड्राइविंग का डायरेक्शन, बाहर का टेम्परेचर जैसी जानकरी देख सकते हैं।
फॉर्च्यूनर फिलीपींस और मलेशिया सहित दुनिया के कई देशों में पहले से ही मजूद है और भारत में बिक्री के लिए इसे आयातित किया जाएगा। टोयोटा ने फॉर्च्यूनर को वर्ल्ड मार्केट में 2005 में लांच किया था। और दुनिया के 60 देशों में अबतक 2.5 लाख फॉर्च्यूनर बिक चुकी हैं।
भारतीय एसयूवी बाजार में टोयोटा फॉर्च्यून का सबसे ज्यादा टक्कर होग शेवरले कैप्टिवा, होंडा सीआर-वी और मित्सुबिशी पजेरो से।
शेवरले कैप्टिवा का भारतीय एसयूवी बाजार में पहले से दबदबा है। कैप्टिवा के इंजन में लगा है कॉमन रेल डायरेक्ट इंजेक्शन फ्यूल सिस्टम। ये कार ऑटोमैटिक और मैनुअल ट्रांसमिशन में मौजूद है। डीजल इंजन वाली ये कार प्रति लीटर शहर में 9 किलोमीटर और हाइवे पर 12 किलोमीटर का माइलेज देती है। इस कार की दिल्ली में एक्सशोरूम कीमत है 19 लाख 90 हजार रुपए।
टोयोटा के फॉर्च्यूनर को सबसे ज्यादा टक्कर मिलेगी जापान की ही कंपनी होंडा की एसयूवी सीआर-वी से। होंडा सीआर-वी में लगा है 2 और 2.4 लीटर का आई-वीटेक इंजन। जो देती है 141 वीएचपी का पावर। होंडा सीआरवी की कीमत 17 लाख से 19 लाख रुपए के बीच है।
एसयूवी के इस सेग्मेंट में एक और कार है मित्सुबिशी पजेरो। जिसमें लगा है 2.8 लीटर की टर्बोचार्ज इनलाइन फोर डीजल इंजन। जो देती है 117 बीएचपी का पावर। 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशल वाली पजेरो की शहर में माइलेज है 8 किलोमीटर जबकि हाइवे पर इसकी माइलेज है प्रति लीटर 11 किलोमीटर। मित्सुबिशी पजेरो की कीमत है 19 लाख 80 हजार रुपए।
टोयोटा ने तेजी से बढ़ते भारतीय एसयूवी बाजार में अपने पांव जमाने के लिए फॉर्च्यूनर को लांच कर दिया है। हालांकि पहले से मौजूद शेवरले कैप्टिवा, होंडा सीआर-वी और मित्सुबिसी पजेरो से इसे कड़ी टक्कर मिलने वाली है।
लेबल:
कैप्टिवा,
टोयोटा,
पजेरो,
फॉर्च्यूनर,
सीआर-वी
शनिवार, 8 अगस्त 2009
महंगाई की मार सरकार लाचार
दाल की कीमतें पिछले साल के मुकाबले दोगुना हो चुकी हैं। वहीं चावल की कीमतों में तेजी की शुरूआत हो चुकी है। तेल की कीमतें भी पिछले साल के मुकाबले ऊपर ही चढ़ती जा रही हैं।
पिछले साल अरहर दाल प्रति किलो मिल रही थी 48 रुपए में जो इस साल बढ़कर 86 रुपए पर पहुंच चुकी है। मूंग दाल 48 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 74 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंची है। मूंग साबूत पिछले साल 50 रुपए प्रति किलो मिल रही थी। जो इस इस 70 रुपए प्रति किलो पर पहुंच चुकी है। काला मसूर भी एक साल में 48 रुपए से 70 रुपए पर पहुंच चुकी है। वहीं उड़द साबूत पिछले साल 48 रुपए प्रति किलो मिल रही थी। जो इस साल 68 रुपए प्रति किलो पर पहुंच चुकी है। परमल राइस की कीमत पिछले साल 17 रुपए प्रति किलो थी। जो इस साल बढ़कर 20 रुपए पर पहुंच चुकी है। चीनी 22 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 29 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंची है।
महंगाई से फिलहाल लोगों को निजात नहीं मिलने वाली है। ऐसा मानना है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। क्योंकि इसबार कम मॉनसून की वजह से खरीफ फसलों की बुआई कम हो पायी है। जिसका असर आने वाले दिनों में खाने पीने के सामानों की कीमतों पर देखी जा सकती है। मनमोहन सिंह महंगाई के मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग के बाद ये बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को अपनी ओर से भी इस मुद्दे से निपटना चाहिए। कालाबाजारी और जमाखोरी को रोका जाना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री ने मॉनसून की कमी को कुछ हद तक पूरा करने के लिए सूखा प्रभावित जिलों के किसानों को केंद्र की ओर से डीजल पर 50 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने कही कि सूखे से प्रभावित राज्यों को सेंट्रल पूल से बिजली दी जाएगी। इस तरह की सहायता के ऐलान के बावजूद प्रधानमंत्री के संकेतों से साफ है कि महंगाई की समस्या आने वाले दिनों में और विकराल रुप ले सकती है। अभी तो दाल, चीनी, सब्जियों की कीमतें ही रुला रही हैं। लेकिन आने वाले दिनों में इस लिस्ट में चावल-मक्का जैसे कई और खाने पीने के सामान जुड़ जाएंगे। क्योंकि इस बार खराब मॉनसून की वजह से खरीफ फसलों की जब बुआई ही कम हो पायी है तो फसल कैसे अच्छी हो सकती है। हालांकि प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के पास अन्न के पर्याप्त भंडार हैं और देश में किसी को भूख से मरने नहीं दिया जाएगा। लेकिन किसानों में सुसाइड करने की शुरूआत कर दी है!
मॉनसून की बिजली किसानों पर
बुधवार, 5 अगस्त 2009
ब्लैकबेरी का चल गया जादू
ब्लैकबेरी का काला जादू ना केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में सर चढ़कर बोल रहा है। ये वही फोन है जिसका इस्तेमाल दुनिया के सबसे ताकतवर आदमी यानी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी करते हैं। और वही ब्रांड आप भी मात्र 14000 रुपए में खरीद सकते हैं। हालांकि ओबामा के मोबाइल को कंपनी ने स्पेशल तौर पे तैयार किया है। दुनियाभर में ब्लैकबेरी की बिक्री दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। ब्लैकबेरी ने मोबाइल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी नोकिया के होश उड़ा दिए हैं।
2007 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2008 की चौथी तिमाही में करीब 85 फसदी ज्यादा ब्लैकबेरी फोन बिके हैं। ब्लैकबेरी फोन कनाडा की एक कंपनी रिसर्च इन मोशन यानी रिम बनाती है। वहीं नोकिया की बिक्री में इस दौरान करीब 17 फीसदी की कमी आई है।
दुनियाभर में मोबाइल की बिक्री
चौथी तिमाही07
ब्लैकबेरी(रिम) 40,24,000
नोकिया 1,87,03000
चौथी तिमाही08
ब्लैकबेरी(रिम) 74,42,000
नोकिया 1,55,61000
फिनलैंड की कंपनी नोकिया मोबाइल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। और दुनिया के कुल मोबाइल बाजार के 40 फीसदी से ज्यादा हिस्से पर अभी भी नोकिया का ही कब्जा है। और ब्लैकबेरी का मार्केट शेयर है करीब 10 फीसदी।
हालांकि जिस गति से नोकिया की बिक्री कम हो रही है। और ब्लैकबेरी सहित दूसरे मोबाइल फोन्स की बिक्री बढ़ रही है। उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में नोकिया को अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
लक्ष्मी मित्तल का घर किराए पर !
स्टील किंग और दुनिया के सबसे रईस लोगों में से एक लक्ष्मी मित्तल का लंदन स्थित घर 'समर पैलेस' किराए के लिए खाली है। लेकिन इसे रेंट पर हर कोई नहीं ले सकता। क्योंकि इस घर के लिए हर हफ्ते करीब 8 लाख रुपए किराए के तौर पर देना होगा। यानी महीने में 32 लाख रुपए। लक्ष्मी मित्तल का ये महलनुमा घर उत्तरी लंदन के हैंपस्टेड में है।
समर पैलेस को लक्ष्मी मित्तल ने 1996 में खरीदा था। समर पैलेस पूरे एक एकड़ में फैला है। लंदन के पॉश इलाके में बने इस घर में 11 बेडरूम और 12 बाथरूम है। इसके साथ ही ये घर जकूजी, स्टीम रूम जैसे कई सुविधाओं से लैश है। ग्लास लिफ्ट और स्विमिंग पूल इस घर की सुंदरता को और बढ़ा देता है।
13 साल पहले मित्तल ने इस लग्जरी समर पैलेस को लगभग 56 करोड़ रुपए में खरीदा था। लेकिन अब लक्ष्मी मित्तल अपने परिवार के साथ पश्चिमी लंदन के केनिंग्स्टन स्थित 15 बेडरूम के बंगले में शिफ्ट कर गए हैं। जो मित्तल ने फार्मूला वन के चैंपियन ड्राइवर बेर्ने एकलिस्टन से 400 करोड़ से कुछ अधिक की रिकॉर्ड कीमत में खरीदा था।
पिछले साल की आर्थिक मंदी और जरूरत न होने के कारण अब मित्तल अपना पुराना घर यानी समर पैलेस को बेचना चाहते हैं। लेकिन मित्तल को खरीदार नहीं मिल रहा है। क्योंकि उनकी डिमांड है करीब सवा तीन सौ करोड़ रुपए। यही वजह है कि अब उन्होंने अपने महल जैसे इस समर पैलेस को किराए पर देने का फैसला किया है।
आईफोन से लग सकता है बिजली का झटका !
बुधवार, 3 जून 2009
जनरल मोटर्स हुई दिवालिया
ए राजा...टेक IT सीरियसली
मंगलवार, 26 मई 2009
महामर्जर की तैयारी
लेबल:
एमटीएन,
भारती एयरटेल,
मर्जर,
सुनील भारती मित्तल
शनिवार, 23 मई 2009
सरकार वही चुनौतियां नई
बुधवार, 20 मई 2009
प्रॉपर्टी में निवेश का है ये सही समय
मंगलवार, 12 मई 2009
बाजार में हरियाली के पीछे काला धन तो नहीं?
शनिवार, 9 मई 2009
नैनो की बुकिंग टांय टांय फिस्स
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
अरबों रुपए का आईपीएल
सोमवार, 13 अप्रैल 2009
बिक गई सत्यम
शनिवार, 11 अप्रैल 2009
नैनो लगाएगी टाटा की नैया पार
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009
बीजेपी ने जारी किया ड्रीम घोषणा पत्र
मंगलवार, 31 मार्च 2009
ले लो नैनो
जी 20-20 का है ये मैच
शुक्रवार, 13 मार्च 2009
दुनियाभर के बाजारों में तेजी
लेबल:
बाजार,
बुल,
बेलआउट पैकेज,
बैंक ऑफ अमेरिका,
शेयर
शनिवार, 7 मार्च 2009
लग्जरी सेडान सेग्मेंट में टाटा
शुक्रवार, 6 मार्च 2009
सत्यम1,सत्यम2,सत्यम3..और सत्यम हो गई....
बुधवार, 4 मार्च 2009
कर्ज का चंदन होगा और सस्ता
होम लोन, कार लोन सहित हर तरह के लोन अब और सस्ते होंगे। मंदी के असर को कम करने और ग्रोथ रेट को पटरी पर लाने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में आधा फीसदी की कटौती कर दी है। रेपो रेट अब 5.5 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गया है। जबकि रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी के घटकर 3.5 फीसदी पर पहुंच गया है। ये नई दरें आज से ही लागू होंगी।
रेपो रेट वो दर है जिसपर देश के सरकारी और निजी बैंक रिजर्व बैंक से पैसे उधार लेती है। यानी कि अगर बैंकों को सस्ते में पैसे मिलेंगे तो वो भी कम ब्याज दर पर ग्राहकों को लोन देंगे। और जब ग्राहकों के पास पैसे पहुंचेंगे तो बाजार में सामान बिकेगा, माकान बिकेंगे यानी दिसंबर की तिमाही में 5 के करीब पहुंच चुके विकास दर में एक बार फिर से पंख लग पाएगा। एक तरफ तो सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए एक के बाद एक बेलआउट पैकेज का ऐलान कर रही है। वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक भी मॉनेटरी पैकेज देने में कोई कमी नहीं कर रही है।
आरबीआई बाजार में मांग को बरकरार रखने के लिए कई बार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती कर चुका है। पिछले चार महीनों में ही रेपो रेट 9 फीसदी से लुढ़ककर 5 फीसदी पर पहुंच गया है। और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से लुढ़ककर 3.5 फीसदी पर पहुंच गया है। दिसंबर महीने में ऐसे ही ऑटो सेल्स में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में आरबीआई के इस तोहफे से कार सेल्स में और तेजी के साथ ही रियल स्टेट, कंज्यूमर गुड्स सहित कई सेक्टर्स में सुधार देखने को मिल सकता है।
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