मंगलवार, 26 जुलाई 2011

रेपो रेट बढ़ने से बढ़ेगा ईएमआई का बोझ

कार लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन सहित हर तरह के कर्ज हो जाएंगे महंगे। क्योंकि आरबीआई यानी रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट बढ़ा दिए हैं। रेपो रेट वो दर होता है जिसपर बैंकों को रिजर्ब बैंक से पैसे मिलते हैं। मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा के दौरान रिज़र्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में भी आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। महंगाई से पहले से परेशान लोगों पर अब ज्यादा ईएमआई का बोझ बढ़ने वाला है। साथ ही घर और कार का सपना देखने वालों का सपना फिलहाल पूरा नहीं हो पाएगा। क्योंकि रेपो रेट बढ़ने के बाद हर तरह का कर्ज महंगा हो जाएगा। रिज़र्ब बैंक ने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा के दौरान रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। रेपो रेट 7.5 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 6.5 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गया है। रेपो रेट वो दर है जिसपर देश के सभी बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। जबकि रिजर्व बैंक में पैसे जमा करने पर बैंको को जिस दर पर ब्याज मिलता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। रिजर्व बैंक ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पिछले 16 महीनों में अहम दरों में 11 बार इजाफा किया है। जिससे दरों में पौने पांच फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। केवल पिछले तीन महीनों में आरबीआई तीन बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है। मई में रिज़र्व बैंक ने दरों में 50 बेसिस प्वाइंट और जून में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। रेपो रेट में बढ़ोतरी से बैंको को महंगा कर्ज मिलेगा। जिसकी भरपाई के लिए बैंक आम लोगों को उंची दरों पर लोन देगा। यानी पहले से महंगाई में पिस रही जनता और बोझ बढ़ेगा।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

bilkul unexpected...berojgari aur badhegi...