बुधवार, 3 अगस्त 2011

मुश्किल में महाराजा

सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया को साल 2009-2010 में जबरदस्त घाटा हुआ है। भारी आर्थिक तंगी झेल रही सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की हालत दिनोंदिन पतली होती जा रही है। आलम यह है कि इस कंपनी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के भी पैसे नहीं हैं। ऐसे में एयर इंडिया ने मदद के लिए प्रधानमंत्री मनमोहान सिंह से गुहार लगाई है। सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया को साल 2009-2010 में 5500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया भारी घाटे में उड़ान भर रही है। कंपनी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे तक नहीं हैं। एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से सैलरी नहीं दी है। और जुलाई महीने की सैलरी पर भी असमंजस बरकरार है। इस सिलसिले में एयर इंडिया मैनेजमेंट की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को एक चिठ्ठी भेजी गई है। इस चिठ्ठी में यह कहा गया है कि सरकार एयर इंडिया को वीवीआईपी फ्लाइट्स पर खर्च किए गए 1220 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान जल्दी से जल्दी कर दे। एयरइंडिया की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो एयरलाइन को मजबूरी में उड़ानों पर ब्रेक लगाना पड़ेगा। वीवीआईपी फ्लाइट्स के लिए एयर इंडिया की तरफ से 5 बोइंग विमानों का इस्तेमाल किया जाता है। और इसी वीवीआईपी फ्लाइट्स के इस्तेमाल पर सरकार के पास एयर इंडिया के करीब 1220 करोड़ रुपए बकाया हैं। जिसकी मांग अब सीधे पीएमओ से की गई है। ताकि इस पैसे के मिलने पर कर्मचारियों को सैलरी दी जा सके। एयर इंडिया में कमांडर्स की सैलरी 4 लाख से 7 लाख 50 हजार रुपए के बीच है। वहीं को पायलट की सैलरी 2 लाख से 5 लाख रुपए की बीच है। जबकि मैंटेनेंस इंजीनियर की सैलरी 1 लाख 30 हजार से 1 लाख 75 हजार रुपए के बीच है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया है कि एयर इंडिया के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सीघ्र किया जाएगा।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

प्राइवेट एयरलाइंस तो चाहती है एयर इंडिया बंद हो जाए..ताकि वो मनमानी कर सकें...