मंगलवार, 19 जुलाई 2011
इंश्योरेंस कंपनियों पर सेबी सख्त इरडा नरम
हेल्थ इंश्योरेंसकंपनियां अब लोगों से प्रीमियम लेने के साथ ही शेयर बाजार से फंड का भी बंदोबस्त कर सकती हैं। इसके लिए इन कंपनियों को लगातार तीन साल तक प्रॉफिट में रहने के सेबी के सख्त नियम का पालन नहीं करना होगा। इस महीने के अंत तक इन कंपनियों के आईपीओ पर फाइनल गाइडलाइन तय हो जाएगा। जिसके बाद कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट हो सकती हैं।
औद्योगिक संगठन फिक्की के एक समारोह के दौरान इंश्योरेंस रेग्युलेटर आईआरडीए के चेयरमैन जे हरि नारायण ने कहा है कि इस महीने के आखरि तक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के आईपीओ पर फाइनल गाइडलाइन बनकर तैयार हो जाएगा। नए गाइडलाइंस में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां को कुछ छूट दी गई है। इन कंपनियों को लगातार तीन साल तक प्रॉफिट नहीं दिखाने पर भी शेयर बाजार में जगह दी जाएगी।
हालांकि शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी कंपनियों के लिए कड़े नियम बना रखे हैं ताकि इन कंपनियों में पैसे लगाने वाले आम लोगों को नुकसान ना हो। शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली कंपनियों यानी आईपीओ लाने वाली कंपनियों को लगातार तीन साल तक प्रॉफिट में रहना होगा। तभी वो कंपनियां शेयर बाजार से फंड जुटा पाएंगी। लेकिन इंश्योरेंस रेग्युलेटर ने इसमें ढ़ील देने का मन बना चुकी। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा ही फायदा है। एक तरफ तो वो मनचाहे प्रीमियम से कमाई कर ही रही हैं। आने वाले दिनों में शेयर बाजार से भी कमाई करेंगी। लेकिन इन कंपनियों के फाइनेंशियल हेल्थ पर खरोच भी लगी तो दर्द पॉलिसी लेने वालों से लेकर इन कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को होगा।
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1 टिप्पणी:
शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले इन कंपनियों का हेल्थ इंश्योरेंस करना जरुरी है। और ये काम सेबी ही कर सकता है।
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