गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर हमले की धमकी

अमीरों और ग़रीबों के बीच खाई भारत में ही नहीं अमेरिका में भी बढ़ती जा रही है। इससे लोगों में भारी नाराज़गी है। इसके लिए अमेरिका की एक संस्था ने वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो के नाम से एक मूवमेंट शुरू किया है। जिसके तहत 10 अक्टूबर को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का कामकाज ठप्प कर दिया जाएगा। इस मूवमेंट के समर्थकों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

अमेरिका में आर्थिक असमानता के खिलाफ जारी प्रदर्शन अब और ज्यादा उत्तेजक हो सकते हैं। अकुपाई वॉल स्ट्रीट यानी वॉल स्ट्रट पर कब्जा करो के नाम से जारी ये प्रदर्शन अब सड़कों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। एक गुमनाम समूह ने इन प्रदर्शनों को और ज्यादा उत्तेजक और विस्तार करने की चेतावनी दी है। अब तक यह कहा जा रहा था कि वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो। लेकिन अब इस मूवमेंट का नया नाम इंवेड वॉल स्ट्रीट यानी वॉल स्ट्रीट पर हमला करो दिया गया है।

वॉल स्ट्रीट पर हमला करो अभियान का मकसद न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के काम को पूरी तरह ठप करना होगा। अमेरिकी मीडिया को जारी किए गए एक प्रेस रिलीज में ये खुलासा किया गया है। गुमनाम संगठन ने कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज पर 10 अक्टूबर को हमला किया जाएगा और युद्ध जैसी स्थिति बना दी जाएगी। साथ ही न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज को इंटरनेट से भी मिटा दिया जाएगा। ये दावा भी उसी गुमनाम संगठन ने किया है जिसके कहने पर हजारों लोग पहले ही सड़को पर उतर चुके हैं।

इस नए अभियान की जमकर आलोचना हो रही है। कुछ लोग इसके पीछे सरकारी साजिश नजर आ रही है। अभी ये साफ नहीं है कि प्रदर्शनकारियों का इरादा क्या है। हालांकि सरकार से खफा अमेरिकी जनता में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे ने ये साफ कर दिया है कि पिछले दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब लोग सरकार और संसद से इस हद तक नाराज है।

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