सीबीआई ने मारन बंधुओं के अलावा अस्ट्रा टीवी के सीईओ रॉल्फ मार्शल और व्यावसायी टी. आनंद कृष्णन के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने दयानिधि मारन के चेन्नई और दिल्ली स्थित घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की।
इसके साथ ही सुनीता रेड्डी के चेन्नई और हैदराबाद स्थित घरों पर छापेमारी की गई। सुनीता अपोलो अस्पातल समूह के संस्थापक प्रताप रेड्डी की बेटी हैं। सीबीआई ने पिछले महीने भी सुनीता से पूछताछ की थी क्योंकि सुनीता साल 2005 में एयरसेल की अध्यक्ष थीं। सिंध्या सिक्योरिटिज और इनवेस्टमेंट्स में उनकी हिस्सेदारी थी। और ये वही इन्वेंस्टमेंट कंपनी है जिसकी एयरसेल में 26 फीसदी हिस्सेदारी थी।
टेलीकॉम मंत्री रहते हुए दयानिधि मारन ने मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को फायदा पहुंचाया। बदले में मैक्सिस ने भी दयानिधि के भाई कलानिधि की कंपनी में निवेश किया। दयानिधि मारन पर मैक्सिस कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप है। जिसके बदले में मैक्सिस ने उनके भाई की कंपनी सन नेटवर्क में सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। मारन पर आरोप है कि जब वे दूरसंचार मंत्री थे तब उन्होंने एयरसेल के कई सर्कलों के लिए लाइसेंस देने का फ़ैसला लटका रखा था। यही नहीं दयानिधि मारन ने एयरसेल टेलीकॉम को बेचने के लिए कंपनी के मालिक शिवशंकरन पर दबाव डाला। जिसके कारण उन्हें एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी।
दयानिधि मारन ने टेलीकॉम मंत्री रहते हुए ना केवल शिवशंकरन जैसे एक बड़े व्यवसायी को परेशान किया बल्कि एक विदेशी कंपनी मैक्सिस को फायदा पहुंचाया। दबाव में आकर शिवशंकरन को अपनी कंपनी एयरसेल मलेशिया के मैक्सिस ग्रुप को बेचना पड़ा। मैक्सिस ग्रुप के मालिक हैं टी आनंद कृष्णन। जिनकों दयानिधि मारन के भाई कलानिधि मारन का करीबी माना जाता है। इस डील के बदले मैक्सिस ने अपनी ही एक ग्रुप कंपनी एस्प्रो नेटवर्क के जरिए सन नेटवर्क में निवेश किए। यही नहीं मैक्सिस के हाथो बिकते ही एयरसेल के सभी रुके हुए काम दनादन होने लगे। क्योंकि मैक्सिस के ऊपर पर तत्कालीन दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन का हाथ था। मैक्सिस मलेशिया का एक बड़ा ग्रुप है। जिसका एक्सपोजर कई क्षेत्रों में है। ऑयल, गैस, कैसिनो, टेलीकॉम, सैटेलाइट सहित इस ग्रुप के बहुत से बिजनेस हैं। इस ग्रुप की कई कंपनियां एशिया के अलग अलग बाजारों में लिस्टेड हैं।
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