आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर जहां आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं बचत खाते पर ब्याज तय करने का अधिकार बैंकों को दे दिया है। इससे उन लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी जिनके पास बजत लायक पैसे हैं। बचत खाते पर ब्याज तय करने का अधिकार बैंको को देना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फै़सला माना जा रहा है।
आरबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि बैंक बचत खाते पर ब्याज दर अपने मन मुताबिक तय कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए रिजर्व बैंक ने दो शर्तें रख दी हैं। बैंक ने कहा है कि हर बैंक को एक लाख रुपए तक निश्चित ब्याज दर सुनिश्चित करना होगा भले ही ये पैसा एक लाख से कम हो लेकिन ब्याज दर अलग-अलग नहीं होना चाहिए। ब्याज दरों को बैंकों पर छोड़ने की दूसरी शर्त ये होगी कि अगर पैसा एक लाख से ऊपर हुआ तो बैंक ब्याज की अलग-अलग दरें रख सकता है लेकिन अलग-अलग ग्राहकों के लिए अलग दरें नहीं हो सकतीं। औद्योगिक संकठनों ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है। लेकिन इन्ही संगठनों ने ब्याज दरें बढ़ाने को लेकर आरबीआई की कड़ी आलोचना की गई है।
होम लोन दरों में 25 बेसिस प्वाइंट यानी आधा फीसदी की बढ़ोतरी होने पर 20 साल के लिए गए 30 लाख रुपए के घर पर ईएमआई में 500 रुपए से ज्यादा का इजाफा हो जाएगा। साथ जिन लोगों ने 2009 में शुरू हुए टीजर लोन के जरिए घर बुक कराए हैं..अगले साल से उन्हें भी करीब 3 फीसदी तक ज्यादा ब्याज चुकाने पड़ सकते हैं। ऐसे में घरों की घटती मांग और रियल एस्टेट की खस्ता होती हालत और बढ़ती ईएमआई से परेशान लोगों पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने कुछ दूसरे उपाय किए हैं।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआईन ने होम लोन की समय सीमा को 10 साल और बढ़ा दिया है। जिसके बाद बैंक से मिलने वाला होम लोन 20 साल की जगह 30 साल के लिए मिल पाएगा। इसके साथ ही सरकार ने 15 लाख तक के होमलोन पर ब्याज में एक फीसदी की सब्सिडी का फैसले को मंजूरी दे दी है। अभी तक केवल 10 लाख तक के होम लोन में 1 फीसदी की सब्सिडी मिलती है लेकिन अब सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है। यानी कि 20 लाख तक के मकान पर 10 लाख रुपए होम लोन लेने पर एक फीसदी की सब्सिडी के बदले अब बैंक 25 लाख तक के मकान पर 15 लाख रुपए होमलोन लेने पर एक फीसदी सब्सिडी देंगे। इन छोटे मोटे उपायों से लोगों के घर का सपना सच करना संभव नहीं दिख रहा है।
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