कभी भारत के सबसे बीमारू राज्यों में शुमार होने वाला बिहार आज देश का सबसे सफलतम राज्य है। साल 2010-2011 में बिहार का जीडीपी विकास दर बढ़कर 14 फीसदी को पार कर चुका है। जो कि देश में किसी भी राज्य से ज्यादा है। बिहार में विकास की रफ्तार बढ़ाने के पीछे वहां के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का अहम योगदान माना जा रहा है।
देश के कई विकसित राज्य आज बिहार को एक मॉडेल राज्य की तरह देखने को मज़बूर हैं। क्योंकि विकास की रफ्तार में बिहार ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है। यही नहीं कभी गरीब समझे जाने वाले बिहार में विकास की रफ्तार इतनी ज्यादा है कि वो इस दौर में गुजरात और केंद्र सरकार से भी काफी आगे निकल चुका है।
साल 2010-2011 में बिहार का जीडीपी विकास दर 14.15 फीसदी पर पहुंच गया। जबकि इस दौरान तमिलनाडु का विकास दर 11.74 फीसदी रहा। वहीं छत्तीसगढ़ का जीडीपी विकास दर रहा 11.57 फीसदी। महाराष्ट्र का विकास दर 10.47 फीसदी दर्ज किया गया। वहीं पिछले साल तक नंबर वन पर रहे गुजरात का जीडीपी साल 2010-2011 में रहा महज 10.23 फीसदी। पंजाब का विकास दर दहाई के आंकड़े से काफी नीच यानी केवल 7.21 फीसदी रहा।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के अनुसार साल 2004 से 2009 के बीच बिहार राज्य के जीडीपी में औसतन 11.03 प्रतिशत का सालाना इजाफा हुआ था। जो कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा था। पूरे देश में उस दौरान केवल गुजरात के जीडीपी के ग्रोथ रेट का औसत ही बिहार से थोड़ा अधिक 11.06 प्रतिशत था। दो साल पहले जहां दुनिया मंदी की मार को झेलने को मज़बूर थी उस दौरान भी बिहार में विकास तेजी से हो रहा था। और आज भी जब आनेवाली मंदी के भय से देश कपकपा रहा है। देश का विकास दर का अनुमान महीने दर महीने कम होता जा रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार का बिहार गर्व से सिर ऊंचा कर लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को बिहार से कुछ सबक लेने की ज़रूरत है।
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