नोएडा एक्सटेंशन के जमीन अधिग्रहण पर फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन गांवों के अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। जबकि बाकी के 60 गांवों में अधिग्रहण को कुछ शर्तों के साथ मंज़ूरी दे दी है। इससे जहां बिल्डर्स और इन इलाके में फ्लैट बुक करा चुके लोगों को राहत मिली है। वहीं किसान हाईकोर्ट के इस फैसले से खुश नहीं हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोयडा एक्सटेंशन के अंतर्गत आने वाले 63 गांवों पर फैसला सुनाते हुए तीन गांवों में ज़मीन अधिग्रहण रद्द कर दिया है। ये 3 गांव हैं असदुल्लापुर, देवला और शाहबेरी । इन गांवों में अथॉरिटी को ज़मीन लौटानी होगी। शाहबेरी में 7 बिल्डर्स के प्रोजेक्ट चल रहे थे। जबकि देवला और असदुल्लापुर में अभी कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है। वहीं 60 गांवों में ज़मीन अधिग्रहण को कोर्ट ने सशर्त मंजूरी दे दी है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक बाकी के 60 गांवों में किसानों को 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी अतिरिक्त विकसित जमीन दिया जाए।
जिन तीन गांवों का जमीन अधिग्रहण रद्द हुआ वहां के किसान मुआवजा लौटाकर अपनी जमीन वापस ले सकते हैं। इन तीन गांवों के किसानों ने इस फैसले पर खुशी जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले पर किसानों, बिल्डरों, राज्य सरकार और थॉरिटी समेत फ्लैट बुक करा चुके लोगों की निगाहें लगी हुई थी। नोएडा एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के 40 गांवों के किसानों ने 491 याचिकाएं कोर्ट में डालीं थीं। नोएडा के भी 24 गांवों के किसानों ने अपनी अपनी याचिकाएं दायर की थी। जमीन अधिग्रहण का मामला कोर्ट में जाने से नोएडा एक्सटेंशन का विकास कार्य ठप हो गया था और फ्लैटों की बुकिंग बंद हो गई थीं।
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