कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट में स्थिति नाजुक बनी हुई है। प्लांट के आसपास सैकड़ों पुलिसवाले पहुंच चुके हैं। किसी भी वक्त वहां कर्मचारियों के साथ जोर जबरदस्ती हो सकती है। हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट ने प्लांट परिसर से कर्मचारियों को बाहर हटाने के आदेश दिए हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया के मनेसर स्थित प्लांट पर माहौल उस समय गरम हो गया जब पुलिस ने फैक्ट्री पहुंचकर हड़ताल कर रहे करीब 1500 कर्मचारियों को फैक्ट्री परिसर से बाहर निकालने की कोशिश की। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस के लगभग 700 जवान हड़ताली कर्मचारियों को परिसर से बाहर करने पहुंचे थे। हालांकि हड़ताल पर डटे कर्मचारियों ने मानेसर स्थित कारखाना परिसर में धरना देते रहे। जिससे वहां कामकाज ठप रहा। एक हफ्ते से ज्यादा समय से कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं।
इसके बाद आज गुड़गांव प्लांट में भी काम बंद हो गया क्योंकि वहां पार्ट्स की सप्लाई बंद हो गई है। ये पार्ट्स मानेसर में बनते हैं और वहां से ही इनकी सप्लाई गुड़गांव में होती है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि गुड़गांव प्लांट में काम दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। अब रविवार को मौजूदा हालात की समीक्षा होगी और फिर आगे की रणनीति तय होगी। कंपनी के गुड़गांव प्लांट में हर रोज 2800 गाड़ियों का उत्पादन होता है। जो कि हड़ताल के बाद 600 गाड़ी प्रति दिन तक पहुंच गया था। दरअसल सुजुकी पॉवरट्रेन इंडिया के कर्मचारी भी मारुति के कामगारों के समर्थन में वहां बैठ गए हैं। इससे स्थिति और बिगड़ गई है।
हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि कामगार परिसर छोड़ दें और प्लांट से 100 मीटर दूर धरने पर बैठें। हाई कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को इस बारे में कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।कर्मचारियों को कंपनी परिसर खाली कराने के लिए प्लांट में पानी की सप्लाई रोक दी गई है। साथ ही कर्मचारियों के लिए जहां खाना बन रहा था उसे भी बंद करा दिया गया है। कर्मचारियों के एक नेता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके एक साथी सुशील कुमार को उसके घर से उठा लिया है। जबकि पुलिस कमिश्नर ने इस बात का खंडन किया है। कुलमिलाकर मानेसर में स्थिति नाजुक बनी हुई है। और वहां किसी भी वक्त कोई बड़ा वाकया हो सकता है।
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