कल होने वाली कैबिनेट की बैठक में मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई को मंजूरी मिल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी और सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई को मंज़ूरी मिल सकती है।
यूपीए सरकार ने काफी सालों बाद भारत के रिटेल क्षेत्र सुधार लाने के लिए कमर कस ली है। कल होने वाली कैबिनेट की बैठक में रिटेल क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश यानी एफडीआई की सीमा से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है।
ऐसा अनुमान है कि कैबिनेट सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दे सकती है। फिलहाल सिंगल ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई की इज़ाजत है। वहीं मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई निवेश की मंजूरी मिलने की संभावना है। देश में वैसे तो होलसेल कैश एंड कैरी कारोबार में 100 फीसदी एफडीआई निवेश की अनुमति है। रिटले में एफडीआई की मंज़ूरी मिलने के बाद वॉलमार्ट और टेस्को जैसे दुनिया की दिग्गज कंपनियां भारत में अपना रिटेल स्टोर खोल पाएंगे।
मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंदर आने वाले औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग यानी डीआईपीपी ने इस संबध में अपना अंतिम सुझाव पिछले सप्ताह ही कैबिनेट के पास भेज दिया था। अलग-अलग मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद विभाग ने अपना सुझाव तैयार किया था। विपक्षी दलों के विरोध के कारण मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई पर फैसला पिछले 2 साल से अटका हुआ है।
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