देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उड़ाने रद्द करने के मामने में डीजीसीए ने एयरलाइंस को नोटिस भेजा है। क्योंकि डीजीसीए की इजाज़त के बगैर कंपनी ने उड़ाने रद्द कर दीं। जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
उड़ाने रद्द करने के मामले को लेकर डीजीसीए यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने किंगफिशर एयरलाइंस को नोटिस भेजा है। किंगफिशर एयरलाइंस ने पिछले कुछ दिनों में 80 उड़ाने रद्द की हैं। कंपनी ने दलील दी है कि वह कुछ विमानों में बिजनेस क्लास की सीटें जोड़ने के लिए उन्हें उड़ान से हटा रही है।
डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस के बिना इजाजत लिए उड़ानें रद्द करने पर आपत्ति जताई है। कोई भी एयरलाइंस डीजीसीए की मंजूरी के बिना उड़ानों के शिड्यूल में बदलाव नहीं कर सकती हैं। डीजीसीए किंगफिशर एयरलाइंस को विमान नियम के नियम 140 ए के तहत नोटिस दिया है। नोटिस में किंगफिशर एयरलाइंस से पूछा गया है कि उसने अपने उड़ानों को रद्द करने के पहले इस नियम के तहत नियामक की मंजूरी क्यों नहीं ली। इस नियम के तहत एयरलाइन को कोई नया रूट शुरू करने या किसी उड़ान को बंद करने से कम से कम एक हफ्ते पहले डीजीसीए की मंजूरी लेनी होती है। डीजीसीए ने विजय माल्या के एयरलाइंस कंपनी से यह भी पूछा है कि उसने अभी तक उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्रियों को टिकट के पैसे लौटाने या उनके लिए वैकल्पिक उड़ान का प्रबंध करने के बारे में क्या कदम उठाए हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कंपनी पर 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज बकाया है। किंगफिशर एयरलाइन्स को एचपीसीएल को 500 करोड़ रुपये और बीपीसीएल 250 करोड़ रुपये चुकाने हैं। इससे पहले अक्टूबर महीने में भी बकाया ना चुकाए जाने को लेकर तेल कंपनियों ने 1 दिन के लिए किंगफिशर एयरलाइन्स को एटीएफ देने से मना कर दिया था। जिसके चलते उड़ानों के परिचालन पर असर पड़ा था। किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर जनवरी से अबतक 71 फीसदी लुढ़क चुके हैं।
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