प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि किंगफिशर को आर्थिक संकट से उबारने के लिए विमानन मंत्री से बात करेंगे। वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही किंगफिशर एयरलाइंस ने राहत के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। किंगफिशर एयरलाइंस पर पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किंगफिशर एयरलाइंस की समस्या पर विमानन मंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले किंगफिशर के मालिक विजय माल्या ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और एविएशन मंत्री वायलार रवि से कम ब्याज दरों पर बैंकों के जरिए मदद की गुहार लगाई थी। इसके अलावा किंगफिशर ने वे सभी रियायतों की मांग की थी जो एयर इंडिया को मिल रही हैं। हालांकि विमानन मंत्रालय ने कहा कि वो किसी एयरलाइंस को बेलआउट पैकेज नहीं दे सकते। लेकिन विमानन मंत्री ने कहा है कि सरकार नहीं चाहती थी कि किंगफिशर के विमान बंद हों। लिहाजा किंगफिशर की मदद के लिए वित्त मंत्रालय से अपील की गई है। ऐसे में आज प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद ऐसा लगता है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से सोच रही है।
उधर किंगफिशर एयरलाइंस ने लगातार छठे दिन उड़ानों को रद्द करने का सिलसिला जारी रखा। शनिवार को करीब 40 उड़ाने रद्द की गईं जिसमें 9 मुबई से उड़ान भरने वाली थी और 8 चेन्नई से। खस्ता वित्तीय हालत की वजह से कंपनी के शेयर अबतक के निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। कर्ज संकट की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर जनवरी से अबतक करीब 80 फीसदी लुढ़क चुके हैं। ऐसे में विजय माल्या ने कहा कि नुकसान वाले रूट्स पर उड़ान भरना ज़रूरी नहीं है। और इसीलिए उड़ानें रद्द की जा रही हैं। लेकिन इसकी खबर डीजीसीए को नहीं दी गई। इस वजह से हवाई यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। साथ ही उन्हें 20 से 40 फीसदी ज्यादा कीमत पर दूसरे एयरलाइंस की टिकटें खरीदने को मज़बूर होना पड़ रहा है।
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