सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई की सीमा 51 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने के बाद दुनियाभर की कंपनियों में भारत में अपने स्टोर खोलने की होड़ लग चुकी है। आइए देखते हैं आने वाले दिनों में कौन-कौन से अमेरिकी ब्रांड भारतीय बाजारों में सबसे पहले नज़र आ सकते हैं।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार में अपना कारोबार करने के लिए कई अमेरिकी कंपनियां गिद्द की तरह अपनी नज़र गड़ाए हुईं थी। सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई के बाद अब इन अमेरिकी कंपनियां का भारत में घुसना आसान हो जाएगा। आइए देखते हैं ऐसी पांच अमेरिकी कंपनियां जिनका शोरूम जल्द ही आपको देश के कोने-कोने में नज़र आ सकती हैं।
इन्हीं दिग्गज कंपनियों में एक है बर्गर किंग...ये एक अमेरिकन कंपनी है जिसे लोग बीके के नाम से भी जानते हैं...फ्लोरिडा स्थित इस फास्टफूड कंपनी का ग्लोबल चेन है..यानी कि दुनिया के कई देशों में इस कंपनी का कारोबार है..फ्लोरिडा की एक रेस्टोरेंट चेन ने इस कंपनी की शुरूआत 1953 में की थी।
अमेरिका की ही एक कंपनी है टिफ्फेनीज...जो अपना स्टोर भारत में खोलने को बेचैन है...टिफ्फेनीज एक ज्वैलरी और सिल्वरवेयर कंपनी है..इसकी स्थापना 1837 में न्यूयॉर्क में चार्ल्स ल्युइस टिफ्फेनी ने की थी।
तीसरी अमेरिकी कंपनी है विक्टोरियाज सीक्रेट जो कि भारत में अपना स्टोर खोलने को तैयार है....इस कंपनी वुमेन वीयर, लिंजरीज और व्यूटी प्रोडक्ट बनाती है..2006 में इस कंपनी ने 5 अरब डॉलर की बिक्री की थी साथ ही इस कंपनी का ऑपरेटिंग इनकम थी 1 अरब डॉलर।
अमेरिकन एपरल चौथी अमेरिकी कंपनी है जो भारत में अपना स्टोर खोलने के लिए बेताब है...ये कंपनी कपड़े का कारोबार करती है..जिसमें होलसेल, रिटले, डिजाइन, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग शामिल है।
पांचवी अमेरिकी कंपनी है..ओल्ड नेवी...कैलफोर्निया की ये कंपी भी कपड़े का कारोबार करती है।
यूरोप और अमेरिका के कर्ज संकट में फंसने के बाद इन कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा है। ऐसे में इनके लिए भारती बाजार का खुलना राहत की खबर है। वहीं भारती कंपनियों को इन कंपनियों के सामने टिकने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार यानि कि भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इटली की कई कंपनियां बेताब हैं। आइए देखते हैं ऐसी ही कुछ बड़ी इटैलियन कंपनियों को जो आने वाले दिनों में भारत के मेगामॉल और बड़े शहरों में दिखाई दे सकते हैं। इटली की कई कंपनियां दुनियाभर में अपने जलवे बिखेर रही हैं। इन्हीं में से कुछ इटली के दिग्गज ब्रांड अब भारत में दस्तक देने को तैयार है।
रोक्कोबारोक्को एक फैशन स्टोर चेन है। इस ब्रांड के तहत फैशनेवल कपड़े, हाईएंड एसेसरीज और परफ्यूम का कारोबार होता है। महिलाओं, बच्चों और पुरुषों के लिए रोक्कोबारोक्को के परफ्यूम काफी पॉपुलर हैं।
इटली के वारेसे स्थित फैशन ब्रांड मिशोनी भारत में अपना स्टोर चेन खोलने को तैयार बैठा है। मिशोनी को नाइटवेयर में महारत हासिल है। अलग-अलग फेबरिक्स और अपने कलरफुल पैटर्न की वजह से मिशोनी का दुनियाभर में नाम है।
इटली का ही एक फैशन हाउस है ब्लुफिन एसपीए। जो अपना स्टोर भारत में खोलने को लेकर काफी बेचैन दिख रहा है। ये कंपनी ब्लूमरीन ब्रांड के नाम से अपना कारोबार करती है। ब्लू मरीन वैसी महिलाओं के लिए अपना फैशन प्रोडक्ट बनाती है जो किसी कपड़े छोटा नहीं मानती और किसी डायमंड को बड़ा नहीं समझती। यानी कि इलीट क्लास के फैशन एसेसरीज का बिजनसे है इस कंपनी का।
भारतीय बाजार में सिंगल ब्रांड के लिए अब किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं रह गई है। क्योंकि कैबिनेट ने सिंगल ब्रांड में एफडीआई की सीमा 51 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दी है। ऐसे में इटली की कई दिग्गज कंपनियां भारत बाजार को भुनाने की कोशिश में लग चुकी हैं।
भारत के विशाल बाजार देखकर कई सालों से दुनियाभर की कंपनियों का मन ललचा रहा था। लेकिन केवल 51 फीसदी एफडीआई के चलते वो भारत का रुख नहीं कर रहीं थी। लेकिन अब 100 फीसदी एफडीआई पर मुहर लगने के बाद दुनियाभर के कई दिग्गज ब्रांड भारत में अपने स्टोर खोलने की तैयारी में अपनी कमर कस चुके हैं।
अमेरिका और यूरोप की कई कंपनियों को एफडीआई पर भारतीय कैबिनेट के फैसले से राहत मिली है। क्योंकि इन कंपनियों की नज़र भारतीय बाजार पर कई वर्षों से टिकी थी। अपने-अपने ब्रांड के प्रति जुनून की हद तक जाने को तैयार इन कंपनियों को अब भारत में आने के लिए किसी दूसरे ब्रांड से गठज़ोर नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में फ्रांस, स्वीडन, स्पेन सहित दुनियाभर के कई ब्रांड भारत का रुख करने वाली हैं। और इन ब्रांड में शामिल हैं दुनिया के कई दिग्गज़ फैशन डिज़ायनर के स्टोर्स।
इमैन्युअल अंगारो फ्रांस का एक ऐसा फैशन ब्रांड है जो कि दुनियाभर में छाया हुआ है। फैशन डिज़ायनर इमैन्युअल अंगारो के नाम पर ही इस ब्रांड का नाम रखा गया है। और ये ब्रांड जल्द ही भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को बेचैन है।
भारत में अपना पैर जमाने के लिए लाइन में खड़ी है स्वीडन की एक कंपनी आईकिया...ये दुनिया की सबसे बड़ी फर्निचर रिटेलर कंपनी है...ये कंपनी कोई भी फर्निचर ऑन डिमांड असेंबल कर के ग्राहकों को मुहैया करा देती है...इस कंपनी की नींव 1947 में 17 साल के इंगवर कंप्राड ने रखी थी।
स्पेन की क्लोथिंग और एसेसरीज ब्रांड है ज़ारा..जो कि अपना स्टोर भारत में खोलने वाली है...स्पने की के इस नामी ब्रांड के जलवे दुनियाभर में हैं...1975 में इस ब्रांड की नींव डाली थी एमेन्सियो ऑर्टेगा ने...फिलहाल इस ब्रांड की उपस्थिति दुनिया के करीब 74 देशों में है।
2006 में भारत सरकार ने सिंगल ब्रांड में जब 51 फीसदी की एफडीआई सीमा तय की तो दुनिया के कुछ ब्रांड तो भारत जरूर आए। लेकिन ज्यादातर ब्रांड भारत से बचते रहे। क्योंकि उन्हें अपने काम में कोई भागीदार बनाना गवारा नहीं था। आईकिया और ज़ारा भी इसी इंतज़ार में बैठी रही। और अब इन कंपनियों में भारत का रुख करने की हलचल तेज हो गई है।
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