पिछले दो हफ्तों से हवाई किरायों में हो रहे भारी बढ़ोतरी पर एविएशन सेक्टर के रेग्युलेटर डीजीसीए ने एयरलाइंस कंपनियों को चेतावनी दी है। डीजीसीए ने कहा है कि एयरलाइंस कंपनियां एक निश्चित सीमा से ज्यादा हवाई किराए में बढ़ोतरी ना करे। हालांकि डीजीसीए ने ये साफ नहीं किया है कि ऐसा करने पर डीजीसीए क्या कार्रवाई करेगी।
किंगफिशर एयरलाइंस की सैकड़ों उड़ानें रद्द होने के बाद देश की दूसरी एयरलाइंस कंपनियों ने हवाई किराए मनमाने ढ़ंग के बाढाने शुरू कर दिए हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए एविएशन सेक्टर के रग्युलेटर डीजीसीए ने एयरलाइंस कंपनियों को चेतावनी दी है। डीजीसीए ने कहा है कि एयरलाइंस कंपनियां एक सीमा तक ही किराए बढ़ा सकती हैं। क्योंकि हमने किरायों की सीमा निर्धारित कर रखी है। और उन सीमाओं के अनुसार एयरलाइंस कंपनियां फिलहाल उच्चतम निर्धारित किराए पर टिकट बेच रही हैं।
कर्ज में डूबी देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर पिछले दो हफ्ते में 200 से ज्यादा उड़ानें रदद् चुकी है। जिसका फायदा उठाकर एयर इंडिया, जेट एयरवेज सहित दूसरी एयरलाइंस कंपनियों ने किराए में अचानक 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है। इससे हवाई यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके बावाजूद डीजीसीए ने ये नहीं बताया कि किराए की क्या सीमा है। साथ ही किराए बढ़ा चुकी एयरलाइंस कंपनियों पर वो क्या कार्रवाई करेगा। इससे यही लगता है कि सिर्फ चेतावनी देकर डीजीसीए ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। और यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। इसके अलावा बिना नोटिस दिए किंगफिशर एयरलाइंस ने जो उड़ानें रद्द की हैं उसपर डीजीसीए की कार्रवाई पर पूछे गए सवालों पर भी डीजीसीए बगलें झांकती नज़र आई। डीजीसीए ने ये पूरा मामला सरकार की झोली में डालते हुए कहा कि इसका फैसला सरकार करेगी।
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