टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा और उनका उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री
वर्षों की मशक्कत के बाद आखिरकार रतन टाटा का उत्तराधिकारी मिल ही गया। साइरस मिस्त्री संभालेंगे टाटा के एम्पायर को। मिस्त्री ने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है और फिलहाल शपूरजी पालोनजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
टाटा सन्स ने रतन टाटा के उत्तराधिकारी को ढ़ूंढ निकाला है। साइरस मिस्त्री अब टाटा ग्रुप के कारोबार को संभालेंगे। फिलहाल मिस्त्री को टाटा सन्स का डिप्टी चेयरमैन नियुक्त किया गया है। लेकिन साल 2012 के दिसंबर में जब टाटा सन्स के चेयरमैन रतन टाटा सेवानिवृत होंगे उसके बाद उनका स्थान साइरस मिस्त्री लेंगे। साइरस पालोनजी मिस्त्री के सबसे छोटे बेटे हैं। पालोनजी मिस्त्री के पास टाटा सन्स के सबसे ज़्यादा शेयर हैं। रतन टाटा ने कहा है कि साइरस मिस्त्री इस पद के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। मिस्त्री टाटा सन्स के बोर्ड में अगस्त 2006 से हैं।
रतन टाटा ने कहा कि मिस्त्री के काम ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। सेलेक्शन कमेटी ने एकमत से साइरस मिस्त्री के नाम पर हामी भरी है। साइरस मिस्त्री के परिवार का टाटा सन्स में करीब 16.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है। देश और दुनिया में टाटा के झंडे बुलंद किए हैं। लैंगरोवर, जगुआर, कोरस सहित एक के बाद एक कई विदेशी कंपनियों को खरीद लिया। दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो को हक़ीकत बनाकर दुनिया को रतन टाटा ने हतप्रभ कर दिया। एक साल के बाद जब साइरस मिस्त्री पूरी तरह से टाटा ग्रुप का कारोबार संभालेंगे उसके बाद उनकी असली काबिलियत का पता चलेगा। रतन टाटा की देश ही नहीं दुनिया में एक अलग पहचान है।
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