शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

दिवालिया हो सकता है किंगफिशर एयरलाइंस!

वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही किंगफिशर एयरलाइंस ने राहत के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है। किंगफिशर के मालिक विजय माल्या ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और एविएशन मंत्री वायलार रवि से अपील की है कि कम ब्याज दरों पर बैंकों के जरिए मदद की जाए। इसके अलावा वे सभी रियायतें दी जाएं जो एयर इंडिया को मिल रही हैं। हालांकि विमानन मंत्रालय ने साफ कर दिया कि वो किसी भी एयरलाइंस को बेलआउट पैकेज नहीं दे सकती। लेकिन विमानन मंत्री ने कहा है कि सरकार नहीं चाहती थी कि किंगफिशर के विमान बंद हों। लिहाजा किंगफिशर की मदद के लिए वित्त मंत्रालय से अपील की गई है।

कंपनी ने शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन उड़ानों को रद्द करना जारी रखा। खस्ता वित्तीय हालत की वजह से कंपनी के शेयर 19 फीसदी गिरकर अब तक के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया। कर्ज संकट की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस के शेयर जनवरी से अबतक 80 फीसदी से ज्यादा लुढ़क चुके हैं। किंगफिशर एयरलाइंस को साल 2010-11 में 1027 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़कर 7057 करोड़ रुपए हो गया है।

किंगफिशर के मुताबिक कंपनी रोजाना केवल 50 फ्लाइट रद्द कर रही है लेकिन अगर गुरुवार के कुल उड़ानों पर नजर डालें तो कंपनी ने कुल 36 फीसदी यानि 149 उड़ानें रद्द की हैं। और ये सिलसिला हर दिन जारी है। कंपनी की वित्तीय हालत खराब होने की वजह से कंपनी के विमान छिन सकते हैं। किंगफिशर को लीज पर विमान देने वाली कंपनियां अपने विमान वापस लेने की योजना बना रही हैं। क्योंकि किंगफिशर भुगतान में डिफॉल्ट कर चुकी है। कंपनी की खराब हालत को देखते हुए 130 पायलटों ने एयरलाइन से इस्तीफा दे दिया है। कर्ज की बोझ तले दबी कंपनी ने विमान के कई ऑर्डर भी रद्द कर दिए हैं। लेकिन कंपनी की मुश्किलें यहीं खत्म होने वाली हैं। एचपीसीएल के बाद अब बीपीसीएल और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने भी किंगफिशर को क्रेडिट पर ईंधन देने से इंकार कर दिया है।

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