शुक्रवार, 2 सितंबर 2011
बिड़ला बैंक, बजाज बैंक, अंबानी बैंक!!!!
भारतीय रिजर्व बैंक ने कॉरपोरेट घरानों के लिए कुछ शर्तों के साथ निजी बैंकिंग क्षेत्र में घुसने का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि रियल एस्टेट और ब्रोकरेज कंपनियों के लिए बैंकिंग क्षेत्र के दरवाजे बंद ही रहेंगे। यानी की आने वाले दिनों में बिड़ला, अंबानी,बजाज जैसे बड़े घराने अपना बैंक खोल पाएंगे।
देश के बड़े औद्योगिक घरानों का दबाव नज़र आ चुका है। आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निजी क्षेत्र में नए बैंकिंग लाइसेंस देने के लिए जो दिशा निर्देशों का एक मसौदा अपनी वेबसाइट पर जारी किया है। उससे ऐसा लगता है कि औद्योगिक घरानों के लिए निजी बैंक खोलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए बैंक ने सभी लोगों से 31 अक्टूबर तक सुझाव मंगाए हैं। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकों की पहुंच बनाने के लिए नया लाइसेंस जारी करने वाली हैं। रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक बजाज, बिड़ला, अंबानी जैसे बड़े घरानों के लिए जहां निजी बैंक खोलने का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं रियल एस्टेट और ब्रोक्रेज कंपनियों को निजी बैंकों से दूर रखने का फैसला किया गया है।रिजर्व बैंक के अनुसार मौजूदा ग़ैर बैंकिंग कंपनियां यानी एनबीएफसी भी बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती हैं। वहीं पहले पांच वर्षों तक बैंक में विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी होगी। बैंकों को दो साल के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट करना होगा। साथ ही लाइसेंस मिलने के एक साल के भीतर बैंक खोलना होगा। आवेदन करने वाली कंपनी के पास कम से कम 500 करोड़ रूपए की पूंजी होनी चाहिए। इसके अलावा बैंक के प्रोमोटरों का कम से कम 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए। यानी कि इस दिशा निर्देशों के मुताबिक एनबीएफसी यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंश कंपनियों के लिए निजी बैंक खोलना आसान होगा।
औद्योगिक घरानों के अपने ही इतने बिजनेस हैं कि उन्हें हमेशा पैसे की जरूरत लगी रहती है। ऐसे में आम लोगों से जमा किए गए पैसे क्या वो अपने हित में नहीं लगाएंगे? इसपर सवाल उठ रहे हैं।
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1 टिप्पणी:
ab to in udyogpatiyon ko lootne ka license mil jayega!
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